छोड़ कर वो मेरा घर वो किसके घर जायेगा,
दर्द को और न समजाओ वो मर जायेगा..
दानिश्वर ये तेरी खिरद का खेल नहीं,
दिल ने जो भी करना हे वो कर जायेगा...
इतना प्यार दिखा मत अपने दुश्मन से,
ये दिल जला किसी दिन तुझ पर मर जायेगा..
प्यार बाँट कर के देखो सारी दुनिया से,
दिल का दामन भरते भरते भर जायेगा..
मौत सजा के जिस दिन अपना रथ लाई,
ये घर छोड़ के अंजुम अपने घर जायेगा....
Showing posts with label अंजुम. Show all posts
Showing posts with label अंजुम. Show all posts
Thursday, February 12, 2009
Tuesday, February 10, 2009
दे के आवाज गम के मारो को
दे के आवाज गम के मारो को
मत परेशा करो बहारो को...
इन्हें शायद मिले सुराग-ऐ- हयात
आओ सिजदा करे मजारो को....
वो खिजा से हे शर्मिंदा
जिसने रुसवा किया बहारो को
दिलकशी देखके तलातुम की
हमने देखा नहीं बहारो को....
हम खीजा से गले मिले अंजुम
लोग रोते रहे बहारो को.....
मत परेशा करो बहारो को...
इन्हें शायद मिले सुराग-ऐ- हयात
आओ सिजदा करे मजारो को....
वो खिजा से हे शर्मिंदा
जिसने रुसवा किया बहारो को
दिलकशी देखके तलातुम की
हमने देखा नहीं बहारो को....
हम खीजा से गले मिले अंजुम
लोग रोते रहे बहारो को.....
Subscribe to:
Posts (Atom)