Thursday, February 12, 2009

छोड़ कर वो मेरा घर वो किसके घर जायेगा,
दर्द को और न समजाओ वो मर जायेगा..

दानिश्वर ये तेरी खिरद का खेल नहीं,
दिल ने जो भी करना हे वो कर जायेगा...

इतना प्यार दिखा मत अपने दुश्मन से,
ये दिल जला किसी दिन तुझ पर मर जायेगा..

प्यार बाँट कर के देखो सारी दुनिया से,
दिल का दामन भरते भरते भर जायेगा..

मौत सजा के जिस दिन अपना रथ लाई,
ये घर छोड़ के अंजुम अपने घर जायेगा....

1 comment:

  1. bahot hi achchha kalam hai.

    ------------------------------------"VISHAL"

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